Election 2024 लोकसभा चुनाव से पहले कई राज्यों में कांग्रेस प्रभारी बदले: प्रियंका गांधी से UP की जिम्मेदारी वापस ली, लेकिन महासचिव बनी रहेंगी; सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ का जिम्मा
कांग्रेस ने Election 2024 लोकसभा चुनाव से पहले कई राज्यों के कांग्रेस प्रभारी बदल दिए हैं। कुछ नेताओं को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा को यूपी कांग्रेस प्रभारी पद से आजाद कर दिया गया है, हालांकि वे महासचिव बनी रहेंगी। प्रियंका की जगह अब अविनाश पांडे को यूपी की जिम्मेदारी दी गई है।
और, सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी बनाया गया हैं। रमेश चेन्निथला को महाराष्ट्र, देवेंद्र यादव को पंजाब और रणदीप सुरजेवाला को कर्नाटक का प्रभार पद मिला है।
जयराम रमेश कम्युनिकेशन, मुकुल वासनिक संगठन के महासचिव और माणिकराव ठाकरे को गोवा की जिम्मेदारी सोंपी गई है।
Election 2024 लोकसभा चुनाव से पहले असम के प्रभारी महासचिव जितेंद्र सिंह को अब मध्य प्रदेश और दीपक बाबरिया के पास दिल्ली और हरियाणा का अतिरिक्त प्रभार है। जीए मीर झारखंड के प्रभारी महासचिव बने हैं, और उन्हें पश्चिम बंगाल का अतिरिक्त प्रभार भी दिया है।
दीपा दासमुंशी को तेलंगाना के अतिरिक्त प्रभार के साथ केरल और लक्षद्वीप का महासचिव भी बनाया गया है। वही कुमारी शैलजा को उत्तराखंड का प्रभारी महासचिव बनाया गया।
Election 2024 से पहले 16 सदस्यीय मैनिफेस्टो कमेटी भी बनाई, चिदंबरम अध्यक्ष
शनिवार को ही कांग्रेस ने Election 2024 लोकसभा चुनाव के लिए मैनिफेस्टो कमेटी का गठन किया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के सीनियर लीडर पी चिदंबरम इसके अध्यक्ष बनाए गए हैं। वही छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी CM टीएस सिंहदेव कमेटी के संयोजक होंगे।
16 सदस्यीय इस कमेटी में प्रियंका गांधी वाड्रा, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, जयराम रमेश और शशि थरूर भी शामिल हैं। वहीं, कांग्रेस ने एक मजबूत संकल्प पत्र पारित किया है। इसके मुताबिक जनता को मोदी सरकार की कथनी-करनी में अंतर बताया जाएगा।
Election 2024 से पहले मैनिफेस्टो कमेटी में पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, मणिपुर के पूर्व डिप्टी CM गायखंगम, लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई, ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस के चीफ प्रवीण चक्रवर्ती, इमरान प्रतापगढ़ी, के राजू, ओंकार सिंह मरकाम, रंजीत रंजन, जिग्नेश मेवाणी और गुरदीप सप्पल इत्यादि शामिल हैं।
पार्टी की Election 2024 के आम चुनाव पर नजर
कांग्रेस मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मिली हार के बाद अब कांग्रेस की नजर Election 2024 लोकसभा चुनाव पर है। इसके लिए पार्टी ने गुरुवार 21 दिसंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक बुलाई थी, जिसमें आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियां /रणनीति पर चर्चा हुई। और एक दिन बाद यानी 22 दिसंबर को कांग्रेस ने मैनिफेस्टो कमेटी के गठन की घोषणा कर दी।
Election 2024 में मोदी की चुनौती से कैसे निपटेंगे, इसकी रणनीति बनाई गई
CWC की बैठक में एक मजबूत संकल्प पत्र पारित किया गया। इसमें कहा गया- की पार्टी मोदी सरकारी की कमजोरियों को उजागर करेगी। प्रधानमंत्री मोदी के दावों और जमीनी हकीकत में काफी अंतर है।
सामाजिक ध्रुवीकरण काफी ज्यादा हो गया है और इसका इस्तेमाल चुनाव में जीत के लिए किया जा रहा है। संकल्प पत्र में ये भी कहा गया कि लोकतंत्र पूरी तरह दब गया है। लोकतंत्र पर ही हमला हो रहा है और संविधान के तहत नागरिकों को मिली आजादी छिन गई है। इन मुद्दों पर बात होनी चाहिए।
Election 2024 – कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा- Election 2024 लोकसभा चुनाव की हवा का रुख एकदम भाजपा की तरफ है। वह कभी भी चुनाव को हल्के में नहीं लेती। भाजपा चुनाव ऐसे लड़ती है, जैसे कि वह आखिरी लड़ाई हो। हालांकि हवाएं दिशा बदल सकती हैं, लेकिन विपक्षी दलों को भाजपा के विधानसभा चुनाव में मिली भारी जीत का एहसास होना चाहिए
Election 2024- BJP के एंटी मुस्लिम–ईसाई प्रचार से चिंतित
पी चिदंबरम ने कहा कि मैं भाजपा के ध्रुवीकरण, एंटी मुस्लिम-ईसाई और अति-राष्ट्रवाद प्रचार के बारे में ज्यादा चिंतित हूं। कांग्रेस को इसका हल ढूंढना होगा। क्योकि भाजपा एक बहुत ताकतवर पार्टी है।
चुनाव में कांग्रेस की तरफ से जातिगत जनगणना (कास्ट सेंसस) को चुनावी एजेंडा बनाने पर चिदंबरम ने कहा- यह एक जरूरी मुद्दा है, लेकिन बेरोजगारी और महंगाई इससे ज्यादा गंभीर मुद्दे हैं। ये दो मुद्दे लोगों को सबसे ज्यादा आकर्षित करेँगे ।
Election 2024 में बढ़ सकता है कांग्रेस का वोट पर्सेंट
चिदंबरम ने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर 40% रहा। लेकिन पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले तैयारियों / रणनीति से पार्टी का वोट शेयर 45% तक बढ़ सकता है। इसके लिए कांग्रेस को प्रचार, बूथ मैनेजमेंट और चुनाव में निष्क्रिय मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने पर ध्यान देना होगा।